Additional information
Weight | 0.275 kg |
---|---|
Dimensions | 22 × 14 × 2 cm |
ISBN | 978-81-981795-9-3 |
PAGES | 262 |
AUTHOR | DR. AJAY AGRAWAL |
Original price was: ₹299.00.₹290.00Current price is: ₹290.00.
इस संग्रह की कविताएँ आत्मा और परमात्मा के बीच के संवाद को स्वर देती हैं। इनमें भक्ति की गूंज है, समर्पण की झलक है और आत्मबोध की खोज है। जब सांसारिक मोह और अस्तित्वगत प्रश्न हमें घेर लेते हैं, तब हमारी आत्मा एक गहरी शांति और दिव्यता की तलाश में निकल पड़ती है। ‘अभिव्यक्ति’ इसी तलाश का एक प्रतिबिंब है।
इस पुस्तक में कविता के माध्यम से पाठकों को एक आध्यात्मिक यात्रा पर ले जाने का प्रयास किया गया है, जहाँ वे ईश्वर की निकटता को महसूस कर सकें, अपनी आत्मा की पुकार को सुन सकें और उस परमसत्ता की ओर अग्रसर हो सकें, जो हमारे चारों ओर ही नहीं, हमारे भीतर भी विद्यमान है। यह केवल कवि की निजी अनुभूति नहीं, बल्कि हर उस आत्मा की आवाज़ है, जो अनंत ब्रह्मांड में अपनी पहचान और ईश्वर से अपने संबंध को खोज रही है।
‘अभिव्यक्ति’ को पढ़ते समय आप न केवल कविताएँ पढ़ेंगे, बल्कि अपने भीतर झाँकेंगे, अपने अस्तित्व पर विचार करेंगे और शायद स्वयं को उस दिव्य सत्ता के और करीब पाएँगे। यह संग्रह आपको प्रश्न करने, आत्ममंथन करने और अंततः एक शांतिपूर्ण उत्तर की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।
Weight | 0.275 kg |
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Dimensions | 22 × 14 × 2 cm |
ISBN | 978-81-981795-9-3 |
PAGES | 262 |
AUTHOR | DR. AJAY AGRAWAL |
इस संग्रह की कविताएँ आत्मा और परमात्मा के बीच के संवाद को स्वर देती हैं। इनमें भक्ति की गूंज है, समर्पण की झलक है और आत्मबोध की खोज है। जब सांसारिक मोह और अस्तित्वगत प्रश्न हमें घेर लेते हैं, तब हमारी आत्मा एक गहरी शांति और दिव्यता की तलाश में निकल पड़ती है। ‘अभिव्यक्ति’ इसी तलाश का एक प्रतिबिंब है।
इस पुस्तक में कविता के माध्यम से पाठकों को एक आध्यात्मिक यात्रा पर ले जाने का प्रयास किया गया है, जहाँ वे ईश्वर की निकटता को महसूस कर सकें, अपनी आत्मा की पुकार को सुन सकें और उस परमसत्ता की ओर अग्रसर हो सकें, जो हमारे चारों ओर ही नहीं, हमारे भीतर भी विद्यमान है। यह केवल कवि की निजी अनुभूति नहीं, बल्कि हर उस आत्मा की आवाज़ है, जो अनंत ब्रह्मांड में अपनी पहचान और ईश्वर से अपने संबंध को खोज रही है।
‘अभिव्यक्ति’ को पढ़ते समय आप न केवल कविताएँ पढ़ेंगे, बल्कि अपने भीतर झाँकेंगे, अपने अस्तित्व पर विचार करेंगे और शायद स्वयं को उस दिव्य सत्ता के और करीब पाएँगे। यह संग्रह आपको प्रश्न करने, आत्ममंथन करने और अंततः एक शांतिपूर्ण उत्तर की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।