Additional information
Weight | 0.275 kg |
---|---|
Dimensions | 22 × 14 × 1 cm |
ISBN | 978-81-954437-9-6 |
PAGES | 124 |
AUTHOR | SUDHEER MAURYA |
Original price was: ₹249.00.₹149.00Current price is: ₹149.00.
इतिहास पर आधारित कथा लिखने में कई चुनौतियाँ होती हैं, खासकर जब यह कहानी वास्तविक घटनाओं और चरित्रों पर आधारित हो। एक ओर, लेखक को ऐतिहासिक तथ्यों की प्रामाणिकता बनाए रखनी होती है, तो दूसरी ओर, कथा की रोचकता और पाठक की रुचि बनाए रखने के लिए रचनात्मकता की आवश्यकता होती है। ऐतिहासिक कथा लेखन में कई चुनौतियाँ यथा–स्रोतों की प्रामाणिकता, सांस्कृतिक और सामजिक संदर्भ, काल्पनिकता और यथार्थ के बीच संतुलन, भाषा-शैली के साथ-साथ नैतिक दृष्टिकोण आदि शामिल हैं। ‘सिंधुसुता’ इन सभी तरह की चुनौतियों से भरी हुई है। यह न केवल सिंध पर अरबों के हमले का चित्रण करती है, बल्कि उस समय के भारतीय योद्धाओं की वीरता और संघर्षों की कहानी भी बयाँ करती है। मोहम्मद बिन क़ासिम, हिजाज़ और जुनैद जैसे अरब योद्धाओं के साथ-साथ राजा दाहिर, मान मौर्य और नागभट्ट जैसे भारतीय योद्धाओं के संघर्ष और बलिदानों को प्रामाणिक रूप से पेश करने के लिए लेखक ने इन सभी पहलुओं का ध्यान रखा है। इस कथा में उन अनाम योद्धाओं की गाथाएँ भी समाहित हैं, जिन्हें इतिहास में उचित स्थान नहीं मिल सका, जिससे यह कथा और भी अधिक समृद्ध और व्यापक बन जाती है।
Weight | 0.275 kg |
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Dimensions | 22 × 14 × 1 cm |
ISBN | 978-81-954437-9-6 |
PAGES | 124 |
AUTHOR | SUDHEER MAURYA |
इतिहास पर आधारित कथा लिखने में कई चुनौतियाँ होती हैं, खासकर जब यह कहानी वास्तविक घटनाओं और चरित्रों पर आधारित हो। एक ओर, लेखक को ऐतिहासिक तथ्यों की प्रामाणिकता बनाए रखनी होती है, तो दूसरी ओर, कथा की रोचकता और पाठक की रुचि बनाए रखने के लिए रचनात्मकता की आवश्यकता होती है। ऐतिहासिक कथा लेखन में कई चुनौतियाँ यथा–स्रोतों की प्रामाणिकता, सांस्कृतिक और सामजिक संदर्भ, काल्पनिकता और यथार्थ के बीच संतुलन, भाषा-शैली के साथ-साथ नैतिक दृष्टिकोण आदि शामिल हैं। ‘सिंधुसुता’ इन सभी तरह की चुनौतियों से भरी हुई है। यह न केवल सिंध पर अरबों के हमले का चित्रण करती है, बल्कि उस समय के भारतीय योद्धाओं की वीरता और संघर्षों की कहानी भी बयाँ करती है। मोहम्मद बिन क़ासिम, हिजाज़ और जुनैद जैसे अरब योद्धाओं के साथ-साथ राजा दाहिर, मान मौर्य और नागभट्ट जैसे भारतीय योद्धाओं के संघर्ष और बलिदानों को प्रामाणिक रूप से पेश करने के लिए लेखक ने इन सभी पहलुओं का ध्यान रखा है। इस कथा में उन अनाम योद्धाओं की गाथाएँ भी समाहित हैं, जिन्हें इतिहास में उचित स्थान नहीं मिल सका, जिससे यह कथा और भी अधिक समृद्ध और व्यापक बन जाती है।