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भय और पारलौकिक विषय हमेशा से मानवता के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं। भय में वह शक्ति होती हैं , जो हमारे भीतर छिपे ‘अज्ञात’ के डर को उजागर करती हैं। यह भय , जो अक्सर अंधेरे में छिपा रहता हैं , हमारे मन में गहरे जड़े जमा लेता हैं।पारलौकिक घटनाएं, जैसे भूतप्रेत , या रहस्यमयी शक्तियाँ, हमारे विश्वासों और तर्कशक्ति को चुनौती तो देती हैं , मगर इन कहानियों में छिपी अज्ञात की दहशत हमे कल्पना की असीमित दुनिया में भी ले जाती है , जहाँ वास्तविकता और फैंटेसी के बीच की दुनिया धुंधली हो जाती हैं। यही कारण हैं कि हॉरर और सुपरनेचुरल कथाएँ न केवल पढ़ी, देखी जा रही हैं बल्कि हमारे मनोविज्ञान पर भी गहरा प्रभाव छोड़ती हैं। प्रस्तुत किताब भी कुछ ऐसी ही घटनाओं में रची- बसी है , जहाँ लेखक ‘काला दर्रा’ नामक स्थान , जहाँ पहुँचकर वापसी लगभग असंभव हैं ,पर सात दोस्तों को टोली को गलती से पहुँचा देते हैं। लेकिन उस स्थान पर किसी महत्वाकांक्षी व्यक्ति ने सदियों से सोई हुई पारलौकिक शक्ति , एक शैतान को जगा दिया हैं । दहशत , आदम जिजीविषा एवं रोमांच के ताने-बाने में बुनी ये किताब निःसंदेह इस विधा के पाठको को पसंद आएगी।

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Additional information

Weight 0.275 kg
Dimensions 22 × 14 × 1.5 cm
ISBN

978 81 9 76810 0 4

PAGES

162

AUTHOR

ALOK SINGH KHALAURI

Description

भय और पारलौकिक विषय हमेशा से मानवता के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं। भय में वह शक्ति होती हैं , जो हमारे भीतर छिपे ‘अज्ञात’ के डर को उजागर करती हैं। यह भय , जो अक्सर अंधेरे में छिपा रहता हैं , हमारे मन में गहरे जड़े जमा लेता हैं।पारलौकिक घटनाएं, जैसे भूतप्रेत , या रहस्यमयी शक्तियाँ, हमारे विश्वासों और तर्कशक्ति को चुनौती तो देती हैं , मगर इन कहानियों में छिपी अज्ञात की दहशत हमे कल्पना की असीमित दुनिया में भी ले जाती है , जहाँ वास्तविकता और फैंटेसी के बीच की दुनिया धुंधली हो जाती हैं। यही कारण हैं कि हॉरर और सुपरनेचुरल कथाएँ न केवल पढ़ी, देखी जा रही हैं बल्कि हमारे मनोविज्ञान पर भी गहरा प्रभाव छोड़ती हैं। प्रस्तुत किताब भी कुछ ऐसी ही घटनाओं में रची- बसी है , जहाँ लेखक ‘काला दर्रा’ नामक स्थान , जहाँ पहुँचकर वापसी लगभग असंभव हैं ,पर सात दोस्तों को टोली को गलती से पहुँचा देते हैं। लेकिन उस स्थान पर किसी महत्वाकांक्षी व्यक्ति ने सदियों से सोई हुई पारलौकिक शक्ति , एक शैतान को जगा दिया हैं । दहशत , आदम जिजीविषा एवं रोमांच के ताने-बाने में बुनी ये किताब निःसंदेह इस विधा के पाठको को पसंद आएगी।

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