Additional information
Weight | 0.345 kg |
---|---|
Dimensions | 22 × 14 × 1.5 cm |
ISBN | 978-81-954438-7-1 |
AUTHOR | YATENDRA CHAUDHARY |
PAGES | 100 |
₹199.00 Original price was: ₹199.00.₹160.00Current price is: ₹160.00.
यह क़िताब उन कहानियों का संग्रह है, जो हमारे ही घर-आँगन, मुहल्लों, सोसायटी और रिश्तों से जन्मी हैं। कहानियाँ, जहाँ लगाव है, लेकिन उसी के साथ टूटन भी है। जहाँ अपनों की छाँव है, तो उनके विश्वासघात की चुभन भी है।
यह वही समाज है, जहाँ पहले रिश्ते ख़ून और विश्वास से बनते थे, और अब प्रदर्शन और दिखावे से तौले जा रहे हैं। जहाँ लोगों की प्राथमिकतायें अब बाज़ार के रुख से तय हो रही हैं। जहाँ दोस्ती और मोहब्बत धीरे-धीरे बाज़ार की चीज़ बनती जा रही है।
जहाँ खुदगर्जी इतनी गहरी हो गई है कि लोग अपनों का दिल दुखाने से भी नहीं हिचकते।
‘ऐसा भी होता है’ केवल संस्मरण में छुपी कहानियाँ नहीं, बल्कि हमारे समय की पड़ताल है। एक आईना, जिसमें हम सब अपने चेहरों के पीछे छुपे हुए सच को देख सकते हैं। यह क़िताब हमें याद दिलाती है कि चाहे समाज कितना भी बदल जाए, इंसान की सबसे बड़ी पूँजी उसका अपनापन और उसकी नीयत ही है।
Weight | 0.345 kg |
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Dimensions | 22 × 14 × 1.5 cm |
ISBN | 978-81-954438-7-1 |
AUTHOR | YATENDRA CHAUDHARY |
PAGES | 100 |
यह क़िताब उन कहानियों का संग्रह है, जो हमारे ही घर-आँगन, मुहल्लों, सोसायटी और रिश्तों से जन्मी हैं। कहानियाँ, जहाँ लगाव है, लेकिन उसी के साथ टूटन भी है। जहाँ अपनों की छाँव है, तो उनके विश्वासघात की चुभन भी है।
यह वही समाज है, जहाँ पहले रिश्ते ख़ून और विश्वास से बनते थे, और अब प्रदर्शन और दिखावे से तौले जा रहे हैं। जहाँ लोगों की प्राथमिकतायें अब बाज़ार के रुख से तय हो रही हैं। जहाँ दोस्ती और मोहब्बत धीरे-धीरे बाज़ार की चीज़ बनती जा रही है।
जहाँ खुदगर्जी इतनी गहरी हो गई है कि लोग अपनों का दिल दुखाने से भी नहीं हिचकते।
‘ऐसा भी होता है’ केवल संस्मरण में छुपी कहानियाँ नहीं, बल्कि हमारे समय की पड़ताल है। एक आईना, जिसमें हम सब अपने चेहरों के पीछे छुपे हुए सच को देख सकते हैं। यह क़िताब हमें याद दिलाती है कि चाहे समाज कितना भी बदल जाए, इंसान की सबसे बड़ी पूँजी उसका अपनापन और उसकी नीयत ही है।