Additional information
Weight | 0.275 kg |
---|---|
Dimensions | 22 × 14 × 2.5 cm |
ISBN | 978-81-954437-4-1 |
PAGES | 277 |
AUTHOR | SUKESH SRIVASTAVA |
Original price was: ₹299.00.₹249.00Current price is: ₹249.00.
मुंबई की एक ठंडी रात में, एक सूने बंगले में तीन उद्योगपतियों की निर्मम हत्या कर दी जाती है। पुलिस को कातिल का कोई सुराग नहीं मिलता, जैसे वह हवा में घुलकर गायब हो गया हो। शहर में सन्नाटा और डर छा जाता है। इस जटिल केस की जिम्मेदारी द इंवेस्टिगेटर के चीफ क्राइम रिपोर्टर संदीप को सौंपी जाती है। बिना किसी ठोस सबूत के, वह अपने अनुभव और दृढ़ता के दम पर कातिल का पीछा करता है। उसकी तहकीकात में खुलासे होते हैं कि हत्यारा शायद एक विदेशी था, और इस हत्याकांड के पीछे प्रभावशाली लोग और स्थानीय मददगार थे। जैसे-जैसे संदीप सच के करीब पहुंचता है, खतरे भी बढ़ने लगते हैं। माफिया उसे शहर छोड़ने की धमकी देते हैं। लेकिन संदीप हार नहीं मानता। वह रियाज अहमद नाम के विदेशी हत्यारे तक पहुंचता है, जो हत्या के बाद भाग चुका था। लेकिन कहानी में नया मोड़ तब आता है जब संदीप का सहायक रीतेश माफिया के हाथों अगवा कर लिया जाता है। क्या संदीप सच का पर्दाफाश कर पाएगा? कौन है रियाज अहमद, और माफिया का इस हत्याकांड से क्या कनेक्शन है? “लक्ष्य” एक ऐसी सस्पेंस थ्रिलर है जो आपको पहले पेज से आखिरी पेज तक बांधे रखेगी। क्या आप इस रोमांचक सफर के लिए तैयार हैं?
Weight | 0.275 kg |
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Dimensions | 22 × 14 × 2.5 cm |
ISBN | 978-81-954437-4-1 |
PAGES | 277 |
AUTHOR | SUKESH SRIVASTAVA |
मुंबई की एक ठंडी रात में, एक सूने बंगले में तीन उद्योगपतियों की निर्मम हत्या कर दी जाती है। पुलिस को कातिल का कोई सुराग नहीं मिलता, जैसे वह हवा में घुलकर गायब हो गया हो। शहर में सन्नाटा और डर छा जाता है। इस जटिल केस की जिम्मेदारी द इंवेस्टिगेटर के चीफ क्राइम रिपोर्टर संदीप को सौंपी जाती है। बिना किसी ठोस सबूत के, वह अपने अनुभव और दृढ़ता के दम पर कातिल का पीछा करता है। उसकी तहकीकात में खुलासे होते हैं कि हत्यारा शायद एक विदेशी था, और इस हत्याकांड के पीछे प्रभावशाली लोग और स्थानीय मददगार थे। जैसे-जैसे संदीप सच के करीब पहुंचता है, खतरे भी बढ़ने लगते हैं। माफिया उसे शहर छोड़ने की धमकी देते हैं। लेकिन संदीप हार नहीं मानता। वह रियाज अहमद नाम के विदेशी हत्यारे तक पहुंचता है, जो हत्या के बाद भाग चुका था। लेकिन कहानी में नया मोड़ तब आता है जब संदीप का सहायक रीतेश माफिया के हाथों अगवा कर लिया जाता है। क्या संदीप सच का पर्दाफाश कर पाएगा? कौन है रियाज अहमद, और माफिया का इस हत्याकांड से क्या कनेक्शन है? “लक्ष्य” एक ऐसी सस्पेंस थ्रिलर है जो आपको पहले पेज से आखिरी पेज तक बांधे रखेगी। क्या आप इस रोमांचक सफर के लिए तैयार हैं?