Additional information
Dimensions | 21 × 13 × 2 cm |
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ISBN | 978-81-977395-0-7 |
PAGES | 302 |
AUTHOR | RUPALI 'SANJHA' |
Original price was: ₹299.00.₹249.00Current price is: ₹249.00.
Dimensions | 21 × 13 × 2 cm |
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ISBN | 978-81-977395-0-7 |
PAGES | 302 |
AUTHOR | RUPALI 'SANJHA' |
कौन सोच सकता है कि किसी एक देश का सफ़र एक अत्यंत नन्हे से गड्ढे के लिए भी किया जा सकता है। उस गड्ढे को पूरने की भलमनसाहत से भरी चाहत को लिए हुए नहीं, बल्कि एक दिल में हो गये गड्ढे को; उस गड्ढे से भरने के लिए। निहायत ही अलहदा अस्मिता लिए एक ऐसा गड्ढा, जिसके लिए मीलों लंबी दूरी एक खटके में नापी जा सकती है।
ये क्या मुआमला है? गड्ढे से गड्ढे का भराव!
असल में ये सुराख़ ही तो वो सुराग है, जो खमेर तक ले जाएगा। यात्रा आरंभ होने के पहले ही माइल स्टोन पर ख़त्म तो नहीं कर दी जाती। एक लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, तब कहीं जाकर मंजिल तक पहुँच पाते हैं। ये वही लंबी यात्रा है।
जैसे उस एक गड्डे की धुन में मैंने खमेर की हजारों किलोमीटर की दूरी वाली यह चिर-प्रतीक्षित यात्रा की, जिसमें ना केवल मुझे वो मनचाहा गड्ढा मिला; बल्कि उसे खोजते हुए उसके साथ जंगली फूलों सी इतनी सारी गाथाएँ मिलीं कि उनको आपस में गूंथकर वृत्तांत की ये झबरी सी वेणी बना ली। तो हो सकता है आप भी कुछ वैसे ही बड़भागी हो रहें।
तब देर किस बात की, उठिये और खमेर की ओर बढ़ चलिए। मेरी तरह सदेह वहाँ जाना संभव ना भी हो, तो मेरे साथ इस किताब के ज़रिये चलिए। मुझे पक्का यक़ीन है कि आपके हृदय का भी कोई गड्ढा भरने को है।