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APARAJITA : AMRIT NIKUNJ KA RAHASYA

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फैंटेसी और जादुई उपन्यास हमें एक ऐसे अद्भुत संसार में ले जाते हैं, जहाँ कल्पनाएँ हकीक़त का रूप ले लेती हैं और असंभव, संभव हो जाता है। इन उपन्यासों का जादू पाठकों के दिलो-दिमाग पर गहरा प्रभाव छोड़ता है। जादुई कहानियाँ पाठकों को रोज़मर्रा की दुनिया से परे ले जाती हैं और उन्हें न केवल मनोरंजन प्रदान करती हैं, बल्कि नई दृष्टि और आशाएँ भी देती हैं। फैंटेसी उपन्यासों में जादू, रोमांच, और रहस्य का अद्भुत मिश्रण होता है। ये कहानियाँ हमें उन संघर्षों और अदम्य साहस के बारे में बताती हैं, जो हमें अपनी कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा देते हैं। जादुई पात्र, रहस्यमयी वस्तुएँ, और गूढ़ वातावरण इन कहानियों को इतना आकर्षक बनाते हैं कि पाठक उस दुनिया से बाहर निकलने को तैयार नहीं होते। ‘अपराजिता शौर्य और अमृत निकुंज का रहस्य’ ऐसा ही एक अद्वितीय उपन्यास है, जो भारतीय जादुई सभ्यता की छिपी हुई परतों को खोलता है। यह कहानी पाठकों को एक अनूठे रोमांच और गहराई में डुबो देती है। इस उपन्यास में आप जानेंगे भारत में ऐंद्रजालिक सभ्यता के विकास और विनाश की कहानी। इस उपन्यास की नायिका अपराजिता, केवल नौ वर्ष की उम्र में, अपने साहस और बुद्धिमत्ता के बल पर अंधकाक्षों के शहंशाह को हराकर उसे भागने पर मजबूर कर देती है। कहानी की शुरुआत अपराजिता के आत्मज्ञान गुरुकुल में पढ़ाई से होती है, जहाँ उसे माया सम्मत विषयों की शिक्षा दी जाती है। वहाँ उसे कई अद्भुत तिलिस्म और सच्चे मित्र मिलते हैं। लेकिन, इसी गुरुकुल में एक षड्यंत्र भी पनप रहा है, जो आत्मज्ञान की सबसे पवित्र वस्तु, अमृत निकुंज, पर कब्जा करना चाहता है। रहस्यमयी घटनाओं के बीच, अपराजिता को अपने शत्रु और उसके अंधानुयायियों का सामना करना पड़ता है। क्या वह अपने साहस और बुद्धि के बल पर अपने समाज को अनिष्ट मायावी शहंशाह से मुक्ति दिला पाएगी? इन रहस्यमयी सवालों के जवाब पाने के लिए यह उपन्यास न केवल आपको रोमांचक सफ़र पर ले जाएगा, बल्कि आपकी कल्पनाओं को भी नई उड़ान देगा।

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Additional information

Weight 0.275 kg
Dimensions 22 × 14 × 2.5 cm
ISBN

978-81-954436-7-3

PAGES

328

AUTHOR

B.P. SHUBHARAMBH

Description

फैंटेसी और जादुई उपन्यास हमें एक ऐसे अद्भुत संसार में ले जाते हैं, जहाँ कल्पनाएँ हकीक़त का रूप ले लेती हैं और असंभव, संभव हो जाता है। इन उपन्यासों का जादू पाठकों के दिलो-दिमाग पर गहरा प्रभाव छोड़ता है। जादुई कहानियाँ पाठकों को रोज़मर्रा की दुनिया से परे ले जाती हैं और उन्हें न केवल मनोरंजन प्रदान करती हैं, बल्कि नई दृष्टि और आशाएँ भी देती हैं। फैंटेसी उपन्यासों में जादू, रोमांच, और रहस्य का अद्भुत मिश्रण होता है। ये कहानियाँ हमें उन संघर्षों और अदम्य साहस के बारे में बताती हैं, जो हमें अपनी कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा देते हैं। जादुई पात्र, रहस्यमयी वस्तुएँ, और गूढ़ वातावरण इन कहानियों को इतना आकर्षक बनाते हैं कि पाठक उस दुनिया से बाहर निकलने को तैयार नहीं होते। ‘अपराजिता शौर्य और अमृत निकुंज का रहस्य’ ऐसा ही एक अद्वितीय उपन्यास है, जो भारतीय जादुई सभ्यता की छिपी हुई परतों को खोलता है। यह कहानी पाठकों को एक अनूठे रोमांच और गहराई में डुबो देती है। इस उपन्यास में आप जानेंगे भारत में ऐंद्रजालिक सभ्यता के विकास और विनाश की कहानी। इस उपन्यास की नायिका अपराजिता, केवल नौ वर्ष की उम्र में, अपने साहस और बुद्धिमत्ता के बल पर अंधकाक्षों के शहंशाह को हराकर उसे भागने पर मजबूर कर देती है। कहानी की शुरुआत अपराजिता के आत्मज्ञान गुरुकुल में पढ़ाई से होती है, जहाँ उसे माया सम्मत विषयों की शिक्षा दी जाती है। वहाँ उसे कई अद्भुत तिलिस्म और सच्चे मित्र मिलते हैं। लेकिन, इसी गुरुकुल में एक षड्यंत्र भी पनप रहा है, जो आत्मज्ञान की सबसे पवित्र वस्तु, अमृत निकुंज, पर कब्जा करना चाहता है। रहस्यमयी घटनाओं के बीच, अपराजिता को अपने शत्रु और उसके अंधानुयायियों का सामना करना पड़ता है। क्या वह अपने साहस और बुद्धि के बल पर अपने समाज को अनिष्ट मायावी शहंशाह से मुक्ति दिला पाएगी? इन रहस्यमयी सवालों के जवाब पाने के लिए यह उपन्यास न केवल आपको रोमांचक सफ़र पर ले जाएगा, बल्कि आपकी कल्पनाओं को भी नई उड़ान देगा।

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