Additional information
Weight | 0.275 kg |
---|---|
Dimensions | 22 × 14 × 1.5 cm |
ISBN | 978-81-976810-7-3 |
PAGES | 145 |
AUTHOR | ALOK SINGH KHALAURI |
Original price was: ₹249.00.₹149.00Current price is: ₹149.00.
यह कहानी है एक पर्यटन स्थल की , जो पहले अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर था , लेकिन अचानक एक रहस्यमय त्रासदी का शिकार हो गया। रात के अंधेरे में उस सड़क के एक ख़ास हिस्से पर वाहन दुर्घटनाओं का सिलसिला चल पड़ा , और समय के साथ ये हादसे महज़ एक अफ़वाह ही बनकर नहीं रह गए। चूँकि अभी तक की दुर्घटनाओं में कोई भी जीवित बचने वाला नहीं था इसलिए लोगो की बातें अब डरावनी कहानियों में तब्दील होने लगी। स्थानीय लोग अब रात को उस रास्ते पर जाने से कतराने लगे , लेकिन अनजान पर्यटक इस रहस्य से बेख़बर उस ओर जाते रहे और मौत का शिकार बनते रहे। लेकिन फिर एक दिन पहली बार एक दुर्घटना का शिकार चालक जीवित बच निकला और इस कहानी की अफ़वाहे मानो हकीकत का रूप लेने लगी।हर कोई उस खौफ़नाक सच को जानने के लिए बेचैन था। जो कुछ भी घट रहा था , उसका कोई प्रत्यक्ष कारण नहीं था। इस अकारण का कारण ढूँढने के लिए एक पुलिस सब इंस्पेक्टर और एक जटिल व्यक्तित्व वाली लेखिका निकलते हैं। बिल्कुल विपरीत स्वभाव के नायक-नायिका की इसी भययात्रा का नाम है अकारण’
Weight | 0.275 kg |
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Dimensions | 22 × 14 × 1.5 cm |
ISBN | 978-81-976810-7-3 |
PAGES | 145 |
AUTHOR | ALOK SINGH KHALAURI |
यह कहानी है एक पर्यटन स्थल की , जो पहले अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर था , लेकिन अचानक एक रहस्यमय त्रासदी का शिकार हो गया। रात के अंधेरे में उस सड़क के एक ख़ास हिस्से पर वाहन दुर्घटनाओं का सिलसिला चल पड़ा , और समय के साथ ये हादसे महज़ एक अफ़वाह ही बनकर नहीं रह गए। चूँकि अभी तक की दुर्घटनाओं में कोई भी जीवित बचने वाला नहीं था इसलिए लोगो की बातें अब डरावनी कहानियों में तब्दील होने लगी। स्थानीय लोग अब रात को उस रास्ते पर जाने से कतराने लगे , लेकिन अनजान पर्यटक इस रहस्य से बेख़बर उस ओर जाते रहे और मौत का शिकार बनते रहे। लेकिन फिर एक दिन पहली बार एक दुर्घटना का शिकार चालक जीवित बच निकला और इस कहानी की अफ़वाहे मानो हकीकत का रूप लेने लगी।हर कोई उस खौफ़नाक सच को जानने के लिए बेचैन था। जो कुछ भी घट रहा था , उसका कोई प्रत्यक्ष कारण नहीं था। इस अकारण का कारण ढूँढने के लिए एक पुलिस सब इंस्पेक्टर और एक जटिल व्यक्तित्व वाली लेखिका निकलते हैं। बिल्कुल विपरीत स्वभाव के नायक-नायिका की इसी भययात्रा का नाम है अकारण’