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RAJMUNI By ALOK SINGH KHALAURI

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MAHASAMAR: SATYAMEV JAYTE NANRITAM (Ramakant Mishra & Saba Khan)

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PREM GALI ATI SAANKRI By ALOK SINGH KHALAURI

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अर्जुन राणा जो पूजा मलिक के प्यार में आकंठ डूबा हुआ था गलती से अपनी बीती जिंदगी की किताब का वह पन्ना खोल बैठा जिस पन्ने की इबारत पर गुज़िश्ता सालो की बेरुखी ने धूल की मोटी परत बिछा दी थी। वह इबारत जो कभी उसकी जिंदगी हुआ करती थी , वह इबारत जिसे उसने बेवफाई की स्याही से लिखा मान कर भुला दिया था ……पर भुलाना इतना आसान कहां होता है। क्या हुआ जब एक सामान्य हत्या के केस ने अर्जुन को अपनी जिंदगी की किताब के इस बिसराए पन्ने को खोलकर पढ़ने पर मजबूर कर दिया । हकीकत से बावस्ता होते ही अर्जुन ने खुद को एक ऐसे दोराहे पर खड़े पाया जिसके दोनो रास्तों पर उसकी जिंदगी थी और फैसला मुश्किल था कि किधर जाएं। एक तरफ कत्ल दर कत्ल के इल्जामों में फंसती जा रही वो लड़की जिसका मददगार इस दुनिया में अर्जुन के सिवा और कोई था ही नहीं और दूसरी तरफ थी पूजा । किंतु किसी एक तरफ तो जाना ही था क्योंकि प्रेम गली अति सांकरी ता मे दो ना समाए ।

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Additional information

Weight 0.180 kg
Dimensions 21 × 13 × 2 cm
ISBN

‎ 978-8195443635

PAGES

194

Description

अर्जुन राणा जो पूजा मलिक के प्यार में आकंठ डूबा हुआ था गलती से अपनी बीती जिंदगी की किताब का वह पन्ना खोल बैठा जिस पन्ने की इबारत पर गुज़िश्ता सालो की बेरुखी ने धूल की मोटी परत बिछा दी थी। वह इबारत जो कभी उसकी जिंदगी हुआ करती थी , वह इबारत जिसे उसने बेवफाई की स्याही से लिखा मान कर भुला दिया था ……पर भुलाना इतना आसान कहां होता है। क्या हुआ जब एक सामान्य हत्या के केस ने अर्जुन को अपनी जिंदगी की किताब के इस बिसराए पन्ने को खोलकर पढ़ने पर मजबूर कर दिया । हकीकत से बावस्ता होते ही अर्जुन ने खुद को एक ऐसे दोराहे पर खड़े पाया जिसके दोनो रास्तों पर उसकी जिंदगी थी और फैसला मुश्किल था कि किधर जाएं। एक तरफ कत्ल दर कत्ल के इल्जामों में फंसती जा रही वो लड़की जिसका मददगार इस दुनिया में अर्जुन के सिवा और कोई था ही नहीं और दूसरी तरफ थी पूजा । किंतु किसी एक तरफ तो जाना ही था क्योंकि प्रेम गली अति सांकरी ता मे दो ना समाए ।

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