Previous
Previous Product Image

AISA BHI HOTA HAI | ऐसा भी होता है |

Original price was: ₹199.00.Current price is: ₹160.00.
Next

TARKIB

Original price was: ₹349.00.Current price is: ₹249.00.
Next Product Image

BELIAL | बेलियल

Original price was: ₹249.00.Current price is: ₹150.00.

दिल्ली से शुरू होकर कश्मीर की बर्फ़ीली वादियों तक फैली एक ऐसी साज़िश, जिसके हर धागे के पीछे एक नया नाम, एक नया चेहरा छिपा है। जाँच की कड़ियाँ बार-बार एक नाम पर आकर ठहरती हैं – एमसाना, एक ख़ुफ़िया संगठन, जिसके कामकाज का अंदाज़ उतना ही रहस्यमय है, जितनी उसकी मौजूदगी।

 

मुख्य अपराधी के रूप में चिह्नित शख़्स, राह चलती महिलाओं से छेड़खानी करता, उनकी बेइज़्ज़ती में आनंद ढूँढ़ता और अपने अपमान को भी किसी अजीब सी तृप्ति की तरह जीता था। क्या वाक़ई वही एमसाना के टॉप बॉसेज़ में से एक, गैराल था? या वह सिर्फ़ एक मोहरा था? उस बड़े खेल का हिस्सा, जिसके असली खिलाड़ी पर्दे के पीछे थे?

 

दिल्ली में होती कुछ घटनाएँ अचानक इस पूरे ताने-बाने को कश्मीर की तरफ़ मोड़ देती हैं। ऐसा लगता है, वहाँ कुछ ऐसा चल रहा है, जो दुनिया की नज़रों से अब तक बचा हुआ था। तीन शक्तियाँ, तीन हित, तीन छिपे हुए एजेंडे और एक साझा मंच : कश्मीर की बर्फ़ से ढकी चोटियाँ।

कौन सी ताकतें वहाँ काम कर रही हैं? और क्यों इतनी निगाहें एक साथ उस जगह पर टिक गई हैं?

Hurry! only 19 left in stock.

Additional information

Weight 0.325 kg
Dimensions 22 × 14 × 1.0 cm
ISBN

978-81-986090-1-4

AUTHOR

ASHFAQ AHMAD

PAGES

196

Description

दिल्ली से शुरू होकर कश्मीर की बर्फ़ीली वादियों तक फैली एक ऐसी साज़िश, जिसके हर धागे के पीछे एक नया नाम, एक नया चेहरा छिपा है। जाँच की कड़ियाँ बार-बार एक नाम पर आकर ठहरती हैं – एमसाना, एक ख़ुफ़िया संगठन, जिसके कामकाज का अंदाज़ उतना ही रहस्यमय है, जितनी उसकी मौजूदगी।

 

मुख्य अपराधी के रूप में चिह्नित शख़्स, राह चलती महिलाओं से छेड़खानी करता, उनकी बेइज़्ज़ती में आनंद ढूँढ़ता और अपने अपमान को भी किसी अजीब सी तृप्ति की तरह जीता था। क्या वाक़ई वही एमसाना के टॉप बॉसेज़ में से एक, गैराल था? या वह सिर्फ़ एक मोहरा था? उस बड़े खेल का हिस्सा, जिसके असली खिलाड़ी पर्दे के पीछे थे?

 

दिल्ली में होती कुछ घटनाएँ अचानक इस पूरे ताने-बाने को कश्मीर की तरफ़ मोड़ देती हैं। ऐसा लगता है, वहाँ कुछ ऐसा चल रहा है, जो दुनिया की नज़रों से अब तक बचा हुआ था। तीन शक्तियाँ, तीन हित, तीन छिपे हुए एजेंडे और एक साझा मंच : कश्मीर की बर्फ़ से ढकी चोटियाँ।

कौन सी ताकतें वहाँ काम कर रही हैं? और क्यों इतनी निगाहें एक साथ उस जगह पर टिक गई हैं?

You may also like…

Shopping cart

0
image/svg+xml

No products in the cart.

Continue Shopping
Let's Chat